राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन: किसानों की आय बढ़ाने का मार्ग
भारत सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है। लेकिन आधुनिक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से मिट्टी, पानी और स्वास्थ्य सभी प्रभावित हो रहे हैं। इसी समस्या का समाधान लेकर आया है राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (National Mission on Natural Farming)। यह योजना किसानों को बाहरी खरीदी हुई रासायनिक वस्तुओं से आज़ादी दिलाकर, कम खर्च में अधिक लाभ की दिशा में बढ़ावा देती है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना का उद्देश्य क्या है, किसानों को इसमें क्या फायदे मिलेंगे, आवेदन की प्रक्रिया क्या है, और आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से होंगे।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन क्या है?
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका मकसद है किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित करना, उन्हें प्रशिक्षण देना और इस खेती को पूरे देश में लोकप्रिय बनाना।
योजना के मुख्य उद्देश्य (Objectives)
- किसानों को बाहरी खरीदी हुई खाद और कीटनाशक से आज़ादी देना।
- खेती की लागत कम करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना।
- देशी गाय और स्थानीय संसाधनों पर आधारित कृषि-पशुपालन मॉडल को बढ़ावा देना।
- पूरे देश में पहले से अपनाई जा रही प्राकृतिक खेती की तकनीकों को इकट्ठा करना और किसानों के साथ मिलकर शोध करना।
- किसानों में जागरूकता फैलाना और उन्हें प्रशिक्षण देना।
- प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए मानक, प्रमाणन और ब्रांडिंग तैयार करना ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग बढ़े।
किसानों के लिए प्राकृतिक खेती के फायदे
प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को कई लाभ मिलते हैं, जैसे:
1. बेहतर उपज
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों ने पारंपरिक खेती की तुलना में समान या कई बार अधिक उपज की रिपोर्ट की है।
2. स्वास्थ्यवर्धक फसलें
रासायनिक खाद और कीटनाशक न होने से फसलें सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
3. मिट्टी की सेहत में सुधार
प्राकृतिक खेती मिट्टी की जीवविज्ञान को बेहतर बनाती है और पानी का सही उपयोग करती है।
4. लागत कम और आमदनी ज्यादा
कम खर्च, कम जोखिम और फसल विविधता के कारण किसानों की शुद्ध आमदनी बढ़ती है।
5. जल संरक्षण
फसलें मिट्टी को ढककर रखती हैं जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती और “प्रति बूंद फसल” (crop per drop) का सपना साकार होता है।
योजना के लिए पात्रता
- यह योजना पूरे भारत के सभी किसानों के लिए लागू है।
- किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
- छोटे, सीमांत, मध्यम और बड़े सभी किसान आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
ऑफलाइन आवेदन कैसे करें?
चरण 01: इच्छुक किसान अपने ज़िला परिषद (Zila Parishad) से संपर्क करें।
चरण 02: ज़िला परिषद अधिकारी किसान की जानकारी और परियोजना योजना को राज्य कृषि विभाग को भेजेंगे।
चरण 03: राज्य कृषि विभाग वार्षिक कार्ययोजना (Annual Action Plan) तैयार करेगा।
चरण 04: योजना को मंजूरी मिलने के बाद किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को ये दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
- आधार नंबर
- भूमि से संबंधित कागजात
- जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)
- बैंक विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
⚠️ ध्यान दें: अलग-अलग राज्यों में दस्तावेजों की सूची में थोड़ा अंतर हो सकता है।
किसानों के लिए प्राकृतिक खेती उत्पादों का बाज़ार
- सरकार इस मिशन के तहत प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए प्रमाणीकरण (Certification) और ब्रांडिंग भी कर रही है।
- इससे किसानों की उपज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक आसानी से पहुंचेगी।
- भविष्य में प्राकृतिक खेती से किसानों को निर्यात (Export) का भी अवसर मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन से किसानों को क्या फायदा होगा?
किसानों की खेती की लागत कम होगी, उपज सुरक्षित होगी और आमदनी बढ़ेगी।
2. क्या इस योजना के लिए पढ़ाई जरूरी है?
नहीं, इस योजना के लिए किसी भी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
3. आवेदन कहां करना होगा?
किसान अपने ज़िला परिषद कार्यालय से संपर्क करके आवेदन कर सकते हैं।
4. क्या छोटे किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
जी हां, यह योजना सभी किसानों के लिए है – चाहे छोटे हों या बड़े।
5. योजना में कितना पैसा मिलता है?
राज्य सरकार और कृषि विभाग द्वारा तय सहायता राशि किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
6. प्राकृतिक खेती से उपज कितनी होती है?
यह उपज पारंपरिक खेती जितनी या कई बार उससे अधिक भी हो सकती है।
7. क्या प्राकृतिक खेती से स्वास्थ्य लाभ मिलता है?
जी हां, इस खेती से मिलने वाले उत्पाद रसायन मुक्त और पोषक होते हैं।
8. क्या इस योजना के तहत प्रशिक्षण भी मिलेगा?
हां, किसानों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के कार्यक्रम भी कराए जाते हैं।
9. प्राकृतिक खेती में गाय का महत्व क्यों है?
देशी गाय का गोबर और गौमूत्र प्राकृतिक खाद और कीटनाशक बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
10. क्या इस योजना के तहत निर्यात का अवसर है?
हां, सरकार प्राकृतिक उत्पादों के लिए प्रमाणन और ब्रांडिंग कर रही है ताकि निर्यात भी हो सके।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है। यह न केवल खेती की लागत घटाता है बल्कि मिट्टी, पानी और सेहत को भी सुरक्षित रखता है। आने वाले समय में प्राकृतिक खेती ही भारत के किसानों की असली ताकत साबित होगी।
👉 किसान भाइयों, अब समय है कि आप भी प्राकृतिक खेती अपनाएं और कम लागत में अधिक आमदनी कमाकर अपने परिवार और समाज के लिए नई मिसाल बनाएं।
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