मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना

Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना – किसानों को आर्थिक मदद

भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। किसान हमारे अन्नदाता हैं, लेकिन कई बार दुर्घटनाओं और असामयिक घटनाओं के कारण उनके परिवार को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरुआत की है। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है जो खेती करते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

इस ब्लॉग में हम आपको इस योजना के लाभ, प्रक्रिया, पात्रता, जरूरी दस्तावेज़, आवेदन की समयसीमा और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की पूरी जानकारी देंगे ताकि आप भी इस योजना का लाभ लेकर अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर सकें।

योजना की शुरुआत

यह योजना 14 सितंबर 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए शुरू की गई थी। सरकार ने इसे विशेष रूप से उन किसानों के लिए लागू किया है जो खेती के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। योजना का उद्देश्य है कि किसान की दुर्घटना के बाद उसके परिवार को आर्थिक संकट में न डालना पड़े।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:

  • किसानों को आकस्मिक दुर्घटना में आर्थिक सहायता देना।
  • किसानों के परिवार की आजीविका सुनिश्चित करना।
  • कृषि क्षेत्र में कार्यरत सभी किसानों को सुरक्षा प्रदान करना।
  • किराये, बंटाई या पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी योजना में शामिल करना।

योजना की मुख्य विशेषताएं

किसे मिलेगा लाभ?

इस योजना का लाभ निम्न प्रकार से मिलता है:

  • मृत्यु होने पर: किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर परिवार को ₹5,00,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनों आंखों की क्षति होने पर: ₹5,00,000 की सहायता।
  • एक हाथ या एक पैर की क्षति होने पर: ₹2,50,000 की सहायता।
  • 50% से अधिक स्थाई दिव्यांगता पर: ₹2,50,000।
  • 25% से अधिक स्थाई दिव्यांगता पर: ₹1,25,000।

किन किसानों को शामिल किया गया?

  • जिनके पास अपनी भूमि है।
  • पट्टे या ठेके पर खेती करने वाले किसान।
  • परिवार का हर सदस्य यदि भू-अभिलेखों में दर्ज है तो योजना का लाभ ले सकता है।

आवेदन की समय सीमा

  • दुर्घटना के पहले तीन महीने में आवेदन करना अनिवार्य है।
  • यदि आवेदन छह महीने (180 दिन) के भीतर आता है तो जिलाधिकारी उसे खारिज नहीं कर सकते।
  • आवेदन में पट्टा या ठेका से संबंधित दस्तावेज आवश्यक होंगे।

बजट और लाभार्थी

  • लगभग 2 करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।
  • योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

आवेदन प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप

चरण 1 – पात्रता की जांच करें

  • सुनिश्चित करें कि आपका नाम भू-अभिलेख में दर्ज है।
  • यदि आप पट्टे पर खेती कर रहे हैं तो पंजीकृत दस्तावेज साथ रखें।

चरण 2 – आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें

  • आधार कार्ड
  • खतौनी/खसरा विवरण
  • दुर्घटना का प्रमाण पत्र
  • मेडिकल रिपोर्ट
  • बैंक खाता विवरण
  • पट्टा/ठेका दस्तावेज (यदि लागू हो)

चरण 3 – आवेदन जमा करें

  • संबंधित तहसील कार्यालय या ब्लॉक में आवेदन करें।
  • आवेदन दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर देना बेहतर है, हालांकि छह महीने तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

चरण 4 – सत्यापन और अनुमोदन

  • जिलाधिकारी द्वारा आवेदन का परीक्षण किया जाएगा।
  • पात्र पाए जाने पर लाभार्थी परिवार को सीधे बैंक खाते में राशि प्रदान की जाएगी।

चरण 5 – जागरूकता और सहायता

  • राजस्व विभाग द्वारा किसानों को योजना की जानकारी दी जाती है।
  • पंचायत और कृषि विभाग से भी मदद प्राप्त की जा सकती है।

📄 आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन)

  1. आवेदन पत्र प्राप्त करें: आवेदन पत्र संबंधित तहसील या जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त करें।
  2. आवेदन पत्र भरें: मृतक या दिव्यांग कृषक का नाम, पिता/पति का नाम, जन्मतिथि, पता, दुर्घटना का दिनांक और कारण भरें।
  3. दस्तावेज संलग्न करें:
    • खतौनी की प्रमाणित प्रति
    • आयु प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी)
    • निवास प्रमाण पत्र
    • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या पंचनामा
    • मृत्यु प्रमाण पत्र
    • दिव्यांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    • बैंक पासबुक की छायाप्रति
    • मोबाइल नंबर और आधार नंबर
  4. आवेदन पत्र जमा करें: भरे हुए आवेदन पत्र को संबंधित तहसील कार्यालय में जमा करें। आवेदन पत्र दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर प्रस्तुत करना अनिवार्य है। अपरिहार्य स्थिति में जिलाधिकारी द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने की अवधि 1 माह तक बढ़ाई जा सकती है।

🖥️ आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन)

  1. e-District पोर्टल पर पंजीकरण करें: e-Sathi पोर्टल पर जाकर नया खाता बनाएं।
  2. लॉगिन करें: e-District पोर्टल पर यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।
  3. सेवाएं सेक्शन में जाएं: “सेवाएं” सेक्शन पर क्लिक करें और “कृषि विभाग” चुनें।
  4. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना पर क्लिक करें: यहां आवेदन फॉर्म उपलब्ध होगा।
  5. आवेदन फॉर्म भरें: दुर्घटना पीड़ित का विवरण, दावेदार का पता और व्यवसाय, दुर्घटना का विवरण भरें।
  6. दस्तावेज अपलोड करें: मांगे गए सभी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें।
  7. सबमिट करें: सभी जानकारी सही से भरने के बाद आवेदन फॉर्म सबमिट करें।

योजना का सामाजिक प्रभाव

  • किसानों के परिवारों को आर्थिक संकट से राहत।
  • दुर्घटना के बाद जीवन यापन में सहायता।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता बढ़ाना।
  • खेती के प्रति विश्वास और उत्साह में वृद्धि।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है?

यह योजना उन किसानों के लिए है जिन्हें दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता हो जाती है। इसके अंतर्गत आर्थिक सहायता दी जाती है।

2. योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा?

यह योजना उन किसानों को लाभ देती है जिनका नाम भू-अभिलेख में दर्ज है, साथ ही पट्टे या ठेके पर खेती करने वाले किसान भी आवेदन कर सकते हैं।

3. आवेदन की समय सीमा क्या है?

दुर्घटना के तीन महीने के भीतर आवेदन करना जरूरी है। छह महीने तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन इसके बाद आवेदन खारिज हो सकता है।

4. कितनी आर्थिक सहायता मिलेगी?

  • मृत्यु या गंभीर विकलांगता पर ₹5,00,000।
  • एक हाथ या पैर की क्षति पर ₹2,50,000।
  • स्थाई विकलांगता पर ₹1,25,000 से ₹2,50,000 तक।

5. क्या परिवार के हर सदस्य को लाभ मिलेगा?

हाँ, यदि परिवार के सदस्य का नाम भू-अभिलेख में दर्ज है तो वह योजना का लाभ ले सकता है।

6. पट्टे पर खेती करने वाले किसान कैसे आवेदन करें?

पट्टा या ठेका दस्तावेज आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। बिना दस्तावेज आवेदन स्वीकार नहीं होगा।

7. क्या आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है?

अधिकांश जिलों में आवेदन ऑफलाइन तहसील या ब्लॉक कार्यालय में होता है। कुछ जगहों पर पोर्टल से भी आवेदन संभव है।

8. आवेदन करते समय कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?

आधार कार्ड, खतौनी, मेडिकल रिपोर्ट, बैंक विवरण, पट्टा/ठेका दस्तावेज आदि।

9. यदि आवेदन में कोई गलती हो तो क्या होगा?

गलती मिलने पर आवेदन को वापस किया जा सकता है। इसलिए आवेदन भरते समय सभी दस्तावेज सही तरीके से लगाना आवश्यक है।

10. योजना का संचालन कौन करेगा?

इस योजना का संचालन जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा और राजस्व विभाग इसकी निगरानी करेगा।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • समय पर आवेदन करें।
  • सभी दस्तावेजों को व्यवस्थित रखें।
  • किसी भी समस्या पर अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
  • योजना की जानकारी अपने गांव में दूसरों तक पहुँचाएँ।
  • दुर्घटना की स्थिति में तुरंत मेडिकल रिपोर्ट बनवाएँ।

प्रेरक संदेश – आपके साथ सरकार है

किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। सरकार की ये योजनाएँ इस विश्वास का प्रतीक हैं कि किसानों का जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक होना चाहिए। यदि आप खेती करते हैं तो यह योजना आपके लिए सहारा बन सकती है। समय पर आवेदन कर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

आप अकेले नहीं हैं – सरकार आपके साथ खड़ी है। जागरूक रहें, योजना का लाभ लें और अपने सपनों को आगे बढ़ाएँ।